Saturday, December 12, 2009

बातें हैं अपने मन की

कौन आता है इधर ,
कौन जाता है उधर
ये तो बातें हैं अपने मन की
बातें हैं अपने मन की
इशक करना खेल नहीं गुड़ियों का
न ये प्यास है भूके तन की
ये तो बातें हैं अपने मन की
प्यार होता जिसे
वो यूँ रुकता नहीं
आंधी में कभी तुफानो में
ना वो parvaa करे जीवन की
ये तो बातें हैं अपने मन की